है अपना दिल तो आवारा, ना जाने किस पे आएगा
हसीनों ने बुलाया, गले से भी लगाया
बहुत समझाया, यही ना समझा
बहुत भोला है बेचारा, ना जाने किस पे आएगा
है अपना दिल तो आवारा, ना जाने किस पे आएगा
अजब है दीवाना, ना दर ना ठिकाना
ज़मीं से बेगाना, फलक से जुदा
यह एक टूटा हुआ तारा, ना जाने किस पे आएगा
है अपना दिल तो आवारा, ना जाने किस पे आएगा
ज़माना देखा सारा, है सब का सहारा
ये दिल ही हमारा हुआ ना किसी का
सफ़र में है यह बंजारा, ना जाने किस पे आएगा
है अपना दिल तो आवारा, ना जाने किस पे आएगा
हुआ जो कभी राज़ी, तो मिल नहीं काज़ी
जहाँ पे लगी बाज़ी, वही पे हरा
ज़माने भर का नाकारा, ना जाने किस पे आएगा
है अपना दिल तो आवारा, ना जाने किस पे आएगा
है अपना दिल तो आवारा - सोल्वां साल - हेमंत कुमार
इस गाने को मैंने पहले लैटिन लिपि में लिखा था अपनी दूसरी वाली ब्लौग पर। Converting from that version to this देवनागरी version was surprisingly easy. Just copy pasted it in blogger, selected all the text and hit the अ button. Just a few minor corrections here and there.
Awesome work by गूगल ब्लॉगर!
Thursday, March 08, 2007
हिंदी transliteration
चाॅकलेट गीक ने यह गद्य हिंदी की लिपि देवनागरी में नहीं अंग्रेजी की लिपि लैटिन में लिखा है। लेकिन यह कम्बख्त ब्लॉगर उसे देवनागरी में दिखा रहा है।
मेरे एक मित्र ने मुझे बताया की यह गूगल ब्लॉगर का नया तमाशा है।
मेरे एक मित्र ने मुझे बताया की यह गूगल ब्लॉगर का नया तमाशा है।
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